खुटहन (जौनपुर) १८ नवंबर उसरौली गांव के भैयाराम पुरवा में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में के अंतिम दिवस श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए काशी से पधारें आचार्य अजय जी महाराज ने कहा कि जीवन में सच्चा मित्र आइने की तरह होता हे। जो हमेशा अपने साथी को कुमार्ग से दूर सद्मार्ग की तरफ ले जाता है। तीनों लोकों के स्वामी स्वयं भगवान ने सखा सुदामा का पांव पखार इसे साबित कर दिखाया है। महराज के मुखारविंद से कथा सुन श्रोताओं की आंखें नम हो गई।
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों की रासलीला के आध्यात्मिक तत्व का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान से सम्बन्ध स्थापित कर लेना ही मनुष्य का परम लक्ष्य और उद्देश्य होना चाहिए।श्रीकृष्ण रास लीला का मूल तत्व प्रेमाभक्ति के द्वारा भगवान में लीन होना
बताया।इस मौके पर राजमणि शुक्ला, इंद्रभान शुक्ला, बीरेंद्र मिश्रा, शिव शंकर मिश्रा, गुड्डू मिश्रा पंकज मिश्रा , दिनेश मिश्रा, विजय प्रताप , सत्यम मंचला, श्री कृष्णा पांडे, सुनील चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
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